करनाल की वो बेटी जिसने सेना में इतिहास रच दिया – जानिए सोफिया कुरैशी की कहानी

📌जब हम भारतीय सेना की बात करते हैं, तो ज़्यादातर दिमाग में पुरुष अफसरों की तस्वीर आती है, लेकिन करनाल की बेटी सोफिया कुरैशी ने इस सोच को बदलकर रख दिया। वो सिर्फ एक महिला अफसर नहीं हैं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत हैं,  जिन्होंने पूरी दुनिया के सामने भारत की महिलाओं की ताकत का परिचय दिया। एक आम हरियाणवी लड़की, जिसने बचपन में शायद ही सोचा हो कि एक दिन वो भारतीय सेना में इतिहास रचने वाली है। लेकिन जब इरादे पक्के हों और हौसले बुलंद, तो रास्ते अपने आप बनते जाते हैं। 👮🏻‍♀️
सोफिय उस वक्त सुर्खियों में आईं जब उन्होंने 2016 में कज़ाखिस्तान में आयोजित भारत-कज़ाखिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय दल का नेतृत्व किया। सोचिए, जहां आम तौर पर पुरुष अफसरों को लीड देने की ज़िम्मेदारी दी जाती है, वहाँ एक महिला अफसर पूरी यूनिट को कमांड कर रही थी — और वो भी विदेश की ज़मीन पर। ये सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो सोचती है कि क्या वो भी किसी दिन वर्दी पहन सकती है।
उनकी यह उपलब्धि छोटी नहीं है। यह भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को एक नया मोड़ देने वाली बात थी। आज जब भी सेना में महिलाओं की बात होती है, तो सोफिया कुरैशी का नाम सम्मान से लिया जाता है। उनकी सोच बहुत साफ थी — महिलाओं को सिर्फ बराबरी नहीं, नेतृत्व चाहिए। और उन्होंने खुद लीडर बनकर यह साबित भी कर दिया ⚔️
करनाल जैसे शहर से निकलकर देश का नाम रौशन करना कोई आसान काम नहीं होता, लेकिन सोफिया ने कभी अपनी जड़ों को नहीं भुलाया। वो जहां भी गईं, उन्होंने अपने परिवार, अपने शहर और देश का मान बढ़ाया। उनके जीवन की सबसे बड़ी सीख यही है — अगर दिल से चाहो, तो दुनिया की कोई ताकत तुम्हें रोक नहीं सकती।
आज के युवाओं को, खासकर लड़कियों को, सोफिया की कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। जब भी आप खुद को कमजोर महसूस करें या लगे कि आपसे नहीं हो पाएगा — तो एक बार इस नाम को याद कीजिए: सोफिया कुरैशी। एक नाम, एक सोच, और एक मिसाल। ⚔️⚔️⚔️

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